Point of sale in TallyPrime

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Point of sale in TallyPrime Point of sale in TallyPrime पोस्ट में हम जानेंगे कि Point of sale (POS) क्या है। Point of sale के advantages क्या हैं, POS invoice को टैली प्राइम में रिकॉर्ड कैसे करते हैं और payment के multiple mode में POS invoice को कैसे रिकॉर्ड करते हैं। Point of sale एक बिलिंग प्रक्रिया है। रिटेल शॉप में use होने वाले अलग अलग POS है जैसे cash register, card reader, bar-code scanner etc. POS invoice को single या multiple payment modes में रिकॉर्ड किया जा सकता है। टैली प्राइम में POS को प्रिन्ट कर सकते हैं। रिपोर्ट में POS के लेनदेन की list देख सकते हैं। टैली प्राइम में configure में POS को activate करना होता है। Point of sale के advantage - Sale को calculate करने में मदद मिलती है। Cash को manage करने में मदद मिलती है। Inventory को manage करने में मदद मिलती है। Bar-code scan करने में मदद मिलती है। Inventory और sales database की query को लचीला और सरल तरीका प्रदान करने में मदद मिलती है। Product movement को track करने में मदद मिलती है। Sale date और time को track करने और...

All Types of Capital Account Transaction Entries in Tally.ERP9 in Hindi

 

All Types of Capital Account Entries in Tally.erp9 post में हम Capital से संबंदित सभी Transaction की entries देखेंगे। Capital means पूंजी। जब कोई business start करता है तो जिस amount से business start किया जाता है उसको Capital कहते हैं।

Business start करते हैं तो वह अलग अलग प्रकार का होता है जैसे -

Proprietorship, Partnership, Company

  • Proprietorship business में Owner एक ही होता है।
  • Partnership business में Owner एक से ज्यादा होते हैं।
  • Company बनाकर भी Business start होता है।
Business और Businessman दोनों अलग अलग होते हैं। जब कोई Business Start करता है तो उसमें जो पूँजी लगायी जाती है वह Business के लिए Liability होती है। हमें हमेशा Business और Businessman को अलग अलग मानना है। Business के लिए Capital liability है। इसलिए Capital Balance Sheet में Liability side show होता है। Means Business को यह Capital pay करनी है।

Business start करने के लिए Capital (पूँजी) की जरुरत होती है। Capital की व्यवस्था अलग अलग तरह से कर सकते हैं। जो business start कर रहा है वह खुद की पूँजी लगाए, bank से loan ले, किसी friend से loan ले या फिर कोई govt. scheme से पूँजी प्राप्त हो।

Capital Account Transaction Entries -

1.  Suresh ने 100000/- लगाकर business start किया।
Entry -
Cash a/c     dr     100000/-
          To Capital a/c          100000/-

Rules के according आने वाली वस्तु को Dr करते हैं। Cash business में आ रहा है। इसलिए Cash a/c को Dr किया है।
Rules के according देने वाले को Cr करते हैं। Suresh ने पैसा दिया है तो Suresh को Cr करना है लेकिन यहाँ Suresh proprietor है इसलिए Suresh a/c नहीं Capital a/c को Cr करेंगे।

Accounting में Dr / Cr करने के लिए कुछ rules होते हैं उनको Golden Rules of Accounting कहते हैं। Golden Rules of Accounting क्या है यह देखने के लिए नीचे दिए गए link पर click करें।


2.  Suresh ने 100000/- cash और 75000/- bank से loan लेकर business start किया।
Entry -
Cash a/c    dr     175000/-
          To Capital a/c           100000/-
          To Bank Loan a/c     75000/-

Rules के according आने वाली वस्तु को Dr करते हैं। Cash business में आ रहा है इसलिए Cash a/c को Dr करेंगे। यहाँ Cash 100000/- नकद और 75000/- Bank Loan के रुप में आ रहा है। इसलिए 175000/- से Cash a/c को Dr करेंगे।

Rules के according देने वाले को Cr करते हैं Suresh ने 100000/- दिये। Suresh proprietor है इसलिए Suresh a/c नहीं Capital a/c को 100000/- से Cr करेंगे।

Rules के according liabilities को Cr करते हैं। Bank Loan business के लिए liability है। इसलिए Bank Loan a/c को 75000/- से Cr करेंगे।

Capital और Bank Loan दोनों ही business के लिए liability है इसलिए दोनों a/c को Cr किया है। Cash business के लिए Assets है इसलिए Cash a/c को Dr किया है।

Entry करते समय Dr और Cr में Amount का Total same होना चाहिए। यहाँ Entry में भी Dr 175000/- और Cr - 100000/- + 75000/- = 175000/- है।

3.  Suresh ने 100000/- Cash, 50000/- Furniture, और Sohan से 30000/- Loan लेकर Business Start किया।
Entry -
Cash a/c               Dr    130000/-
Furniture a/c        Dr     50000/-
                    To Capital a/c            150000/-
                    To Sohan Loan a/c     30000/-

Rules के according आने वाली वस्तु को Dr करते हैं। Cash Business में आ रहा है इसलिए Cash a/c को Dr करेंगे। Cash Suresh से 100000/- और Sohan से Loan के रुप में 30000/- आ रहा है इसलिए Cash a/c को 130000/- से Dr करेंगे।

Rules के according Business में आने वाली वस्तु को Dr करते हैं। Furniture Business में आ रहा है और यह Business की Assets भी है। Assets को भी Dr करते हैं। इसलिए Furniture को Dr करेंगे।

Rules के according देने वाले को Cr करते हैं Suresh ने 100000/- दिए। Suresh proprietor है इसलिए Suresh a/c नहीं Capital a/c को Cr करेंगे। यहाँ Suresh ने Furniture भी Business में लगाया है। Furniture 50000/- का है इसलिए Capital a/c को 100000/- + 50000/- = 150000/- से Cr करेंगे।

Rules के according देने वाले को Cr करते है / Liability को Cr करते हैं। यहाँ Sohan से Loan लिया है। Sohan देने वाला है और यह Loan Business के लिए Liability भी है इसलिए Sohan Loan a/c को 30000/- से Cr करेंगे।

4.  Suresh ने 50000/- Cash और 100000/- Bank में जमा करके business start किया।
Entry -
Cash a/c    dr    50000/-
Bank a/c    dr    100000/-
                To capital a/c    150000/-

Rules के according आने वाली वस्तु को Dr करते हैं। Cash business में आ रहा है इसलिए Cash a/c को 50000/- से Dr करेंगे।

Rules के according पाने वाले को Dr करते हैं। यहाँ Bank पाने वाला है इसलिए Bank a/c को 100000/- से Dr करेंगे।

Rules के according देने वाले को Cr करते हैं Suresh ने 100000/- दिए हैं लेकिन Suresh Proprietor है इसलिए Suresh a/c को नहीं Capital a/c को Cr करेंगे। Liability को Cr करते हैं। Capital Business के लिए Liability है इसलिए Capital a/c को 150000/- से Cr करेंगे।

Business man Business में पैसा लगता है तो उसको जब जरुरत हो तो वह Business से पैसा निकलता भी है, जिसको Drawings कहते हैं। Business man पैसा और माल दोनों निकल सकता है।

Example -
1.  Suresh ने 10000/- Business से Cash लिए।
Entry -
Drawing a/c    dr    10000/-
            To Cash a/c            10000/-

Rules के according खर्चों को Dr करते हैं। यहाँ Drawing Business के लिए ख़र्चा है, इसलिए Drawing a/c को 10000/- से Dr करेंगे।

Rules के according Business से जाने वाली वस्तु को Cr करते हैं। यहाँ Cash Business से जा रहा है, इसलिए Cash a/c को 10000/- से Cr करेंगे।

अगर 10000/- Cash न लेकर Bank से निकाले हैं तो Cash a/c की जगह Bank a/c को Cr करेंगे।

2.  Suresh ने 10000/- Cash और 5000/- का माल Business से लिया।
Entry -
Drawing a/c    dr    15000/-
        To Cash a/c                10000/-
        To Purchase a/c            5000/-

Rules के according खर्चों को Dr करते हैं। यहाँ Drawing Business के लिए ख़र्चा है, इसलिए Drawing a/c को 15000/- से Dr करेंगे।

Rules के according Business से जाने वाली वस्तु को Cr करते हैं। यहाँ Cash और माल Business से जा रहा है, इसलिए Cash a/c को 10000/- से और Purchase a/c को 5000/- से Cr करेंगे।

Rules के according Dr / Cr का total same होना चाहिए। यहाँ भी Dr 15000/- और Cr 15000/- है।

Businessman ने अगर अपनी Life Insurance की instalment दी है या School की fees दी है तो यह भी Drawings है।

3.  Life Insurance के 4000/-, School Fees के 5000/- दिए।
Entry -
Life Insurance a/c       dr    4000/-
School Fees a/c            dr    5000/-
                To Cash a/c                       9000/-

Life Insurance, School fees Business के लिए ख़र्चा है इसलिए Dr करेंगे और Cash जा रहा है इसलिए Cr करेंगे। अगर payment bank से किया है तो cash a/c की जगह bank a/c को Cr करेंगे।

Business अगर partnership में start करते हैं तो जो भी partner होते हैं वह सब business में पूँजी लगाते हैं। Partnership Business में Capital a/c की entries देखते हैं।

1.  Mohan ने 50000/- और shiv ने 60000/- से Business start किया।
Entry -
Cash a/c        dr    130000/-
        To Mohan Capital a/c    50000/-
        To Shiv Capital a/c        60000/-

Cash और Capital के rules ऊपर entry में देखे हैं।  यहाँ Partnership Business है इसलिए Capital a/c के पहले Partner का नाम लिखना होगा। जैसे Mohan Capital a/c और shiv Capital a/c. ऐसा नहीं करेंगे तो मालूम नहीं चलेगा कि किसने कितने पैसे Business  में लगाए और अगर निकाले तो कितने निकाले हैं।

Year end में Business में या तो Profit होता है या फिर Loss. Profit or Loss a/c को Capital a/c में adjust करते हैं।

Example -
1.  Business में 25000/- का Profitहुआ।
Entry -
Profit & Loss a/c    dr    25000/-
        To Capital a/c                    25000/-

Business में अगर Profit होता है तो Profit & Loss a/c का balance Cr होता है। इसलिए Profit & Loss a/c को adjust करने के लिए Dr किया है।

Business में Profit हुआ है तो Capital ज़्यादा हो जाएगी। Capital a/c का Balance Cr होता है। Profit को Capital a/c में transfer करने के लिए Capital a/c को Cr करेंगे। इससे Capital ज़्यादा हो जाएगी।

2.  Business में 20000/- का Loss हुआ।
Entry -
Capital a/c       dr    20000/-
        To Profit & Loss a/c    20000/-

Business में अगर Loss होता है तो Profit & Loss a/c का Balance Dr होता है। इसलिए Profit & Loss a/c को adjust करने के लिए Cr करेंगे।

Business में Loss होने से Capital कम हो जाएगी। Capital a/c का Balance Cr होता है। Loss को Capital a/c में transfer करने के लिए Capital a/c को Dr करेंगे। इससे Capital कम हो जाएगी।

All Types of Capital account transaction entries in tally.erp9 post में हमने Capital से सम्बंधित entries देखी। हमने देखा कि Business Cash / माल से start करेंगे तो entry क्या होगी। Business से अगर पैसे / माल निकाल  है तो entry क्या होगी। School fees, Life Insurance के payment की entry भी देखी। साथ ही Dr / Cr के Rules भी देखे।

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