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Showing posts from June, 2021

Point of sale in TallyPrime

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Point of sale in TallyPrime Point of sale in TallyPrime पोस्ट में हम जानेंगे कि Point of sale (POS) क्या है। Point of sale के advantages क्या हैं, POS invoice को टैली प्राइम में रिकॉर्ड कैसे करते हैं और payment के multiple mode में POS invoice को कैसे रिकॉर्ड करते हैं। Point of sale एक बिलिंग प्रक्रिया है। रिटेल शॉप में use होने वाले अलग अलग POS है जैसे cash register, card reader, bar-code scanner etc. POS invoice को single या multiple payment modes में रिकॉर्ड किया जा सकता है। टैली प्राइम में POS को प्रिन्ट कर सकते हैं। रिपोर्ट में POS के लेनदेन की list देख सकते हैं। टैली प्राइम में configure में POS को activate करना होता है। Point of sale के advantage - Sale को calculate करने में मदद मिलती है। Cash को manage करने में मदद मिलती है। Inventory को manage करने में मदद मिलती है। Bar-code scan करने में मदद मिलती है। Inventory और sales database की query को लचीला और सरल तरीका प्रदान करने में मदद मिलती है। Product movement को track करने में मदद मिलती है। Sale date और time को track करने और...

Discount entry in TallyPrime

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Discount entry in TallyPrime Discount entry in TallyPrime पोस्ट में हम Discount के प्रकार जानेंगे और टैली प्राइम में single discount entry और double discount entry करना सीखेंगे। Discount entry in TallyPrime post topic Discount क्या है। Discount के प्रकार Purchase entry in Accounting invoice mode Purchase entry in As voucher mode Sale entry in Accounting invoice mode Sale entry in As voucher mode Sale entry in Item invoice mode with discount column Sale entry in Item invoice mode with discount column and extra discount Discount क्या है - Discount एक छूट है जोकि लेनदेन करते समय दी/ली जाती है। जब हम किसी person/company से माल का लेनदेन करते हैं तो total amount में से कुछ amount कम करते हैं या उसी amount में कुछ quantity बड़ा देते हैं तो यही Discount कहलाता है। Discount के प्रकार - Accounting में Discount दो प्रकार के होते हैं - Trade Discount Cash Discount Trade Discount - Business में Goods/Services की तय की गयी rate (price list) में rate कम करके लेनदेन किया जाता है तो वह Trade...

GST rate setup in TallyPrime

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GST rate setup in TallyPrime GST rate setup in TallyPrime पोस्ट में हम GST rate को टैली प्राइम में कैसे set करते हैं सीखेंगे। अलग अलग item के GST rate अलग अलग होते हैं। किसी कंपनी में एक ही GST rate के item का लेनदेन होता है और किसी कंपनी में अलग अलग GST rate के item का लेनदेन होता है। इस पोस्ट में टैली प्राइम में सभी तरह के GST rate setup करना सीखेंगे। टैली प्राइम में लेनदेन रिकॉर्ड करने के लिये GST rate setup करना होता है। GST rate setup करने से पहले टैली प्राइम में कंपनी में GST activate/enable करना होता है। टैली प्राइम में GST activate/enable कैसे करते हैं यह देखने के लिये नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें - Activate GST in TallyPrime GST rate setup - टैली प्राइम में GST rate setup अलग अलग तरह से कर सकते हैं। आइये देखते हैं टैली प्राइम में GST rate कैसे setup करते हैं। बिज़नेस में हम ऐसे item का लेनदेन करते हैं जिस पर GST लगता है तो हमें टैली प्राइम में transaction रिकॉर्ड करने के लिये GST rate setup करना होता है। टैली प्राइम में GST rate setup करने के अलग अलग तरीके हैं जो कि इस प्रक...

How to create GST ledgers in TallyPrime

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  How to create GST ledgers in TallyPrime How to create GST ledgers in TallyPrime पोस्ट में हम सीखेंगे कि टैली प्राइम में GST के ledgers कैसे बनाये जाते हैं। GST means Goods and Service Tax (वस्तुएं और सेवा कर) GST से पहले कई तरह के टैक्स लगते थे उन सभी taxes को हटाकर एक tax GST लाया गया है। यह एक Indirect Tax है। भारत में GST 1 July 2017 में लागू किया गया।  GST 5%, 12%, 18%, और 28% में लगता है। टैली प्राइम में टैक्स की entry करने के लिये टैक्स के ledgers बनाने होते हैं। Tax के ledger जो टैली प्राइम में बनते हैं वह इस प्रकार हैं - CGST SGST IGST CESS UT TAX टैली प्राइम में सभी tax ledger बनाने के बाद टैक्स की एंट्री करते हैं और टैक्स का रिकॉर्ड टैली प्राइम में रखा जाता है। देखते हैं tax ledger कैसे बनाये जाते हैं - CGST - CGST means Central Goods and Services tax. intra-state में Goods/Service के होने वाले लेन देन पर जो टैक्स लगता है उसको CGST कहते हैं। जब लेन देन एक ही state में होते हैं तो CGST लगता है। टैली प्राइम में CGST ledger बनाने के steps - Gateway of Tally Create (...

Stock group, Stock item & units in TallyPrime

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  Stock group, Stock item & units in TallyPrime Stock group, Stock item & units in TallyPrime post में हम सीखेंगे कि टैली प्राइम में बनी हुई कंपनी में Stock group, Stock item & units कैसे बनाये जाते हैं। टैली में Accounting masters में जैसे groups होते हैं वैसे ही Inventory masters में Stock groups होते हैं। टैली में जब ledger बनाये जाते हैं तो under option में group select करना होता है। Groups की list show होती है उस list में से groups select करते हैं। टैली में ledger कैसे बनाये जाते हैं इसके लिये यह पोस्ट देखें - Ledger creation in TallyPrime in Hindi How to create multiple ledgers in TallyPrime Inventory masters में Stock item का ledger बनाते समय under option में Stock group select करना होता है। टैली में Stock groups by default नहीं बने होते हैं। इसलिये Stock groups बनाने होते हैं। देखते हैं टैली में Stock group कैसे बनाये जाते हैं।