Point of sale in TallyPrime

Image
Point of sale in TallyPrime Point of sale in TallyPrime पोस्ट में हम जानेंगे कि Point of sale (POS) क्या है। Point of sale के advantages क्या हैं, POS invoice को टैली प्राइम में रिकॉर्ड कैसे करते हैं और payment के multiple mode में POS invoice को कैसे रिकॉर्ड करते हैं। Point of sale एक बिलिंग प्रक्रिया है। रिटेल शॉप में use होने वाले अलग अलग POS है जैसे cash register, card reader, bar-code scanner etc. POS invoice को single या multiple payment modes में रिकॉर्ड किया जा सकता है। टैली प्राइम में POS को प्रिन्ट कर सकते हैं। रिपोर्ट में POS के लेनदेन की list देख सकते हैं। टैली प्राइम में configure में POS को activate करना होता है। Point of sale के advantage - Sale को calculate करने में मदद मिलती है। Cash को manage करने में मदद मिलती है। Inventory को manage करने में मदद मिलती है। Bar-code scan करने में मदद मिलती है। Inventory और sales database की query को लचीला और सरल तरीका प्रदान करने में मदद मिलती है। Product movement को track करने में मदद मिलती है। Sale date और time को track करने और...

How to create GST ledgers in TallyPrime

 

How to create GST ledgers in TallyPrime

How to create GST ledgers in TallyPrime पोस्ट में हम सीखेंगे कि टैली प्राइम में GST के ledgers कैसे बनाये जाते हैं।

GST means Goods and Service Tax (वस्तुएं और सेवा कर) GST से पहले कई तरह के टैक्स लगते थे उन सभी taxes को हटाकर एक tax GST लाया गया है। यह एक Indirect Tax है। भारत में GST 1 July 2017 में लागू किया गया।  GST 5%, 12%, 18%, और 28% में लगता है।

टैली प्राइम में टैक्स की entry करने के लिये टैक्स के ledgers बनाने होते हैं। Tax के ledger जो टैली प्राइम में बनते हैं वह इस प्रकार हैं -

  • CGST
  • SGST
  • IGST
  • CESS
  • UT TAX
टैली प्राइम में सभी tax ledger बनाने के बाद टैक्स की एंट्री करते हैं और टैक्स का रिकॉर्ड टैली प्राइम में रखा जाता है। देखते हैं tax ledger कैसे बनाये जाते हैं -
  • CGST - CGST means Central Goods and Services tax. intra-state में Goods/Service के होने वाले लेन देन पर जो टैक्स लगता है उसको CGST कहते हैं। जब लेन देन एक ही state में होते हैं तो CGST लगता है। टैली प्राइम में CGST ledger बनाने के steps -
  1. Gateway of Tally
  2. Create (press enter)
  3. List of masters > Ledger (press enter)
  4. Ledger creation window open होगी।
  5. Detail fill करेंगे।
How to create GST ledgers in TallyPrime

Enter करते हुए या Ctrl+A से save करेंगे।
  • SGST - SGST means State Goods and Services tax. intra-state में Goods/Service के होने वाले लेन देन पर जो टैक्स लगता है उसको SGST कहते हैं। जब लेन देन एक ही state में होते हैं तो SGST लगता है। टैली प्राइम में SGST ledger बनाने के steps -
  1. Gateway of Tally
  2. Create (press enter)
  3. List of masters > Ledger (press enter)
  4. Ledger creation window open होगी।
  5. Detail fill करेंगे।
How to create GST ledgers in TallyPrime


Enter करते हुए या Ctrl+A से save करेंगे।
  • IGST - IGST means Integrated GST. दो राज्यों के बीच में Goods/Service के होने वाले लेन देन पर जो टैक्स लगता है उसको IGST कहते हैं। टैली प्राइम में IGST ledger बनाने के steps-
  1. Gateway of Tally
  2. Create (press enter)
  3. List of masters > Ledger (press enter)
  4. Ledger creation window open होगी।
  5. Detail fill करेंगे।
How to create GST ledgers in TallyPrime

Enter करते हुए या Ctrl+A से save करेंगे।
  • CESS - CESS को GST compensation CESS कहते हैं। CESS को एडिशनल टैक्स कहते हैं। यह टैक्स CGST, SGST, IGST और UTGST के अलावा लगाया जाता है। CESS notified Goods पर लगाया जाता है। टैली प्राइम में CESS ledger बनाने के steps -
  1. Gateway of Tally
  2. Create (press enter)
  3. List of masters > Ledger (press enter)
  4. Ledger creation window open होगी।
  5. Detail fill करेंगे।
How to create GST ledgers in TallyPrime

Enter करते हुए या Ctrl+A से save करेंगे।
  • UT TAX - UT Tax means Union Territories (केंद्र शासित प्रदेश)Tax. केंद्र शासित प्रदेश इस प्रकार हैं -
  1. Chandigarh
  2. Lakshadweep
  3. Daman and Diu
  4. Dadra and Nagar Haveli
  5. Andaman and Nicobar islands
अगर हमारा बिज़नेस इन केंद्र शासित प्रदेश में है तो UT TAX लगेगा। जैसे एक ही state में लेन देन करने पर CGST+SGST लगता है वैसे ही केंद्र शासित प्रदेश में लेनदेन करने पर CGST+UTGSTलगता है। केंद्र शासित प्रदेश में अगर हमारा बिज़नेस है तो टैली प्राइम में कंपनी बनाते समय state में वह नाम लिखना होता है। जैसे - Chandigarh. केंद्र शासित प्रदेश का नाम state में लिखने पर ही टैली प्राइम में UT TAX enable होता है।

How to create GST ledgers in TallyPrime

टैली प्राइम में UT TAX ledger बनाने के steps -
  1. Gateway of Tally
  2. Create (press enter)
  3. List of masters > Ledger (press enter)
  4. Ledger creation window open होगी।
  5. Detail fill करेंगे।
How to create GST ledgers in TallyPrime

Enter करते हुए या Ctrl+A से save करेंगे।

How to create GST ledgers in TallyPrime पोस्ट में हमने सीखा कि टैली प्राइम में GST के ledgers कैसे बनाये जाते हैं। GST में CGST, SGST, IGST और UT tax लगते हैं। एक ही state में लेनदेन होने पर CGST+SGST लगते हैं और state के बाहर लेनदेन होने पर IGST लगता है। केंद्र शासित प्रदेश में लेनदेन होने पर CGST+UTGST लगता है। CESS एक एडिशनल टैक्स है। यह notified Goods पर लगाया जाता है।

यह पोस्ट भी देखें -

FAQ -

Question - How can we create a ledger of CGST and SGST in Tally?
Answer - Steps for creating a ledger of CGST and SGST -
  1. Gateway of Tally
  2. Create (press enter)
  3. List of masters > Ledger (press enter)
  4. Ledger creation window > fill detail
  5. Name (ledger name)
  6. Under - Duties & Taxes
  7. Type of duty/tax - GST
  8. Tax type - select tax type
  9. Press Ctrl+A to save

Comments

Popular posts from this blog

Backup & Restore Company Data in TallyPrime

How to Create Stock Groups in Tally.ERP9 in Hindi

GST - Notification - Central Board of Indirect Taxes and Customs - 05.05.2020