Point of sale in TallyPrime

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Point of sale in TallyPrime Point of sale in TallyPrime पोस्ट में हम जानेंगे कि Point of sale (POS) क्या है। Point of sale के advantages क्या हैं, POS invoice को टैली प्राइम में रिकॉर्ड कैसे करते हैं और payment के multiple mode में POS invoice को कैसे रिकॉर्ड करते हैं। Point of sale एक बिलिंग प्रक्रिया है। रिटेल शॉप में use होने वाले अलग अलग POS है जैसे cash register, card reader, bar-code scanner etc. POS invoice को single या multiple payment modes में रिकॉर्ड किया जा सकता है। टैली प्राइम में POS को प्रिन्ट कर सकते हैं। रिपोर्ट में POS के लेनदेन की list देख सकते हैं। टैली प्राइम में configure में POS को activate करना होता है। Point of sale के advantage - Sale को calculate करने में मदद मिलती है। Cash को manage करने में मदद मिलती है। Inventory को manage करने में मदद मिलती है। Bar-code scan करने में मदद मिलती है। Inventory और sales database की query को लचीला और सरल तरीका प्रदान करने में मदद मिलती है। Product movement को track करने में मदद मिलती है। Sale date और time को track करने और...

GST rate setup in TallyPrime


GST rate setup in TallyPrime

GST rate setup in TallyPrime पोस्ट में हम GST rate को टैली प्राइम में कैसे set करते हैं सीखेंगे। अलग अलग item के GST rate अलग अलग होते हैं। किसी कंपनी में एक ही GST rate के item का लेनदेन होता है और किसी कंपनी में अलग अलग GST rate के item का लेनदेन होता है। इस पोस्ट में टैली प्राइम में सभी तरह के GST rate setup करना सीखेंगे।

टैली प्राइम में लेनदेन रिकॉर्ड करने के लिये GST rate setup करना होता है। GST rate setup करने से पहले टैली प्राइम में कंपनी में GST activate/enable करना होता है। टैली प्राइम में GST activate/enable कैसे करते हैं यह देखने के लिये नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें -

GST rate setup - टैली प्राइम में GST rate setup अलग अलग तरह से कर सकते हैं। आइये देखते हैं टैली प्राइम में GST rate कैसे setup करते हैं।

बिज़नेस में हम ऐसे item का लेनदेन करते हैं जिस पर GST लगता है तो हमें टैली प्राइम में transaction रिकॉर्ड करने के लिये GST rate setup करना होता है। टैली प्राइम में GST rate setup करने के अलग अलग तरीके हैं जो कि इस प्रकार हैं -

        1. Company wise GST rate setup -

कंपनी में एक ही rate के माल का लेनदेन होता है तो company wise GST rate setup कर सकते हैं। कंपनी क्रिएट करते समय ही rate setup कर सकते हैं। अगर कंपनी क्रिएट करते समय rate setup नहीं किया है तो Gateway of tally में F11 key press करेंगे। कंपनी सेलेक्ट करके taxation में enable goods and service tax YES करके enter press करेंगे।
GST rate setup in TallyPrime

GST detail window open होगी। यहाँ set/alter GST rate detail - YES करके enter press करेंगे।

GST rate setup in TallyPrime

  1. GST detail for company window open होगी।
  2. Description और HSN/SAC fill करेंगे।
  3. Taxability में taxable select करेंगे।
  4. Integrated tax में Company में माल के लेनदेन पर जो tax लगता है वह fill करेंगे। जैसे - 18%
  5. Central tax और State tax में automatic 9% और 9% आ जायेगा।
GST rate setup in TallyPrime

  • Enter करते हुए save करेंगे।
Company wise GST rate setup कर दिया है तो item के ledger में rate set नहीं करेंगे। अगर item में भी GST rate setup कर दिया तो item में जो rate है उसके according IGST, CGST और SGST लगेगा company wise नहीं। इसलिये अगर company wise GST rate setup कर रहें हैं तो item में GST rate set नहीं करना है।

Company wise GST rate setup उन्हीं companies में किया जाता है जहां एक ही tax rate के माल का लेनदेन होता है। इसलिये item के ledger में GST rate setup नहीं किया जाता है।

        2. Stock Item wise GST rate setup -

Stock item wise GST rate setup उन companies में किया जाता है जिनमें अलग अलग GST rate के माल का लेनदेन किया जाता है। माल पर अलग अलग GST rate लगता है जैसे - 5%, 12%, 18% etc. अगर एक कंपनी में ऐसे ही अलग अलग GST rate के माल का लेनदेन होता है तो item wise GST rate setup किया जाता है। Stock item का account बनाते समय GST rate set किया जाता है। टैली प्राइम में Stock item कैसे बनाये जाते हैं यह देखने के लिये नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें -
Stock item ledger बनाते समय GST rate setup करने के steps -
  • Gateway of Tally
  • Create (press enter)
  • Inventory Masters > Stock Item (press enter)
  • Stock item creation window open होगी।
  • Name - LG keyboard
  • Under - keyboard (select group)
  • Units - pcs
  • GST Applicable - Applicable
  • Set/Alter GST details - YES (press enter)
  • GST detail for stock items window open होगी।
  • Description - fill Description
  • HSN/SAC - fill HSN code
  • Taxability - Taxable
  • Integrated tax - 18%
  • Central tax और state tax में automatic 9% और 9% आ जायेगा।
GST rate setup in TallyPrime

  • Enter करते हुए detail save करेंगे
  • Type of supply - Goods
GST rate setup in TallyPrime

  • Enter करते हुए detail save करेंगे
इस तरह से Item wise GST rate setup कर सकते हैं। Stock item में GST rate set करने पर entry करते समय जब हम stock select करने के बाद CGST और SGST लगाते हैं तो वह automatic आ जाता है। Item wise GST rate set करने पर sale/purchase के ledger में  GST rate set नहीं करना है। अगर हम sale/purchase के ledger में GST rate करेंगे तो sale/purchase के ledger में जो GST rate है उसके according IGST, CGST और SGST लगेगा।

        3. Stock group wise GST rate setup -

Stock group wise GST rate setup में stock group बनाते समय GST rate set करते हैं। जैसे अगर हम कंप्यूटर का बिज़नेस करते हैं और उसमे monitor, keyboard, mouse etc अलग अलग कंपनी के sale करते हैं तो टैली प्राइम में stock group - monitor, keyboard & mouse का बनाएंगे। इस stock group में ही GST rate set करेंगे।

Stock group बनाते समय GST rate setup करने के steps -
  • Gateway of Tally
  • Create (press enter)
  • Inventory Masters > Stock Group (press enter)
  • Stock group creation window open होगी।
  • Name - Monitors
  • Under - Primary
  • Should quantities of items be added YES
  • Set/alter GST details - YES (press enter)
  • GST detail for stock group window open होगी।
  • Description - fill Description
  • HSN/SAC - fill HSN code
  • Taxability - Taxable
  • Integrated tax - 18%
  • Central tax और state tax में automatic 9% और 9% आ जायेगा।
GST rate setup in TallyPrime

  • Enter करते हुए detail save करेंगे
Stock group में GST rate set करने के बाद Stock item में GST rate set नहीं किया जाता है। Stock item ledger Stock group के under बनाया जायेगा और stock group में GST rate set कर दिया है तो वह item में automatic लगेगा।

        4. Ledger wise GST rate setup -

Ledger wise GST rate setup में sale/purchase के ledger में GST rate set किया जाता है। कंपनी में जब अलग अलग GST rate के माल का लेनदेन होता है तो टैली प्राइम में stock item या stock group wise GST rate set कर सकते हैं। Stock item/group wise GST rate set करने पर कंपनी में 12% की sale/purchase या 18% की sale/purchase का पता करना मुश्किल होता है। कंपनी में percentage wise sale/purchase देखनी हो तो ledger wise GST rate setup किया जाता है। Ledger wise GST rate set करने के लिए टैली प्राइम में sale@12%, sale@18% etc और ऐसे ही purchase@12%, purchase@18% etc ledger बनाने होते हैं।

Ledger wise GST rate setup करने के steps -
  • Gateway of Tally
  • Create (press enter)
  • Ledger (press enter)
  • Ledger creation window open होगी।
  • Name - sale@12%
  • Under - Sales Accounts
  • GST Applicable - Applicable
  • Set/alter GST details - YES (press enter)
  • GST detail for ledger window open होगी।
  • Description - fill Description
  • HSN/SAC - fill HSN code
  • Taxability - Taxable
  • Integrated tax - 12%
  • Central tax और state tax में automatic 6% और 6% आ जायेगा।
GST rate setup in TallyPrime

  • Enter करते हुए detail save करेंगे
  • Type of supply - Goods
GST rate setup in TallyPrime

  • Enter करते हुए save करेंगे।
Company में Exempt या Nil rated माल का लेनदेन होता है तो उसका ledger ऐसे बनाएंगे -
  • Name - sale Exempt/Nil rated
  • Under - sales accounts
  • GST applicable - applicable
  • Set/alter GST details - YES (press enter)
  • GST details for ledger window open होगी।
  • Description - fill Description
  • HSN/SAC - fill HSN code
  • Taxability - Exempt/Nil rated
GST rate setup in TallyPrime

  • Enter करते हुए save करेंगे।
GST rate setup in TallyPrime

  • Ctrl+A or enter करते हुए save करेंगे।
इस तरह से अलग अलग GST rate के अनुसार sale/purchase ledger बनायेंगे।

GST rate setup in TallyPrime पोस्ट में हमने सीखा कि टैली प्राइम में कैसे अलग अलग तरह से GST rate setup किया जाता है। टैली प्राइम में GST rate setup किसी भी एक तरह से करना चाहिये। अगर एक ही कंपनी में दो या तीन तरह से rate set कर दिया तो tax calculation में problem होगी।

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